कोलकाता में प्रधानमंत्री का भव्य रोड शो: देश में लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के लिए मतदान 1 जून को होने वाला है, और इसके लिए सभी पार्टियां पूरी ताकत लगा रही हैं। इसी संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बंगाल के दौरे पर हैं। मंगलवार की शाम कोलकाता में प्रधानमंत्री का भव्य रोड शो किया था , जिसमें बड़ी संख्या में लोग उमड़े थे । इस दौरान लोगों ने प्रधानमंत्री का बहुत ही जोरशोर से स्वागत किया।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 17,000 करोड़ रुपये के घोटाले से संबंधित धन की वापसी सुनिश्चित की है। उन्होंने इस धन को वापस लाकर जनता के हित में एक महत्वपूर्ण कार्यवाही की है, जिससे भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की सख्त नीतियों का स्पष्ट संकेत मिलता है और जनता में विश्वास बढ़ा है।
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने 17,000 करोड़ रुपये के घोटाले का धन पहले ही बरामद कर देश भर के लोगों को वापस कर दिया है। यह घोषणा बंगाल अभियान के अंतिम दिन के पहले दिन, बारासात लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले अशोकनगर में एक चुनावी रैली के दौरान की गई थी।
प्रधानमंत्री ने राज्य में बार-बार किए गए उन वादों का भी जिक्र किया, जिनमें उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल के नागरिकों को विभिन्न घोटालों में खोए हुए 3,000 करोड़ रुपये वापस किए जाएंगे, जो तृणमूल सरकार द्वारा किए गए थे। उन्होंने मतदाताओं से एक और वादा किया, “जिसने खाया है उसे बाहर निकालूंगा, जिसका खाया है उसे लौटाऊंगा”। यह वादा उनकी भ्रष्टाचार विरोधी नीति “ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा” का ही एक विस्तार है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने अशोकनगर के भाषण में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर व्यक्तिगत हमला करने से परहेज किया। उन्होंने लगातार “तृणमूल की मुख्यमंत्री” के रूप में उनका संदर्भ किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उनका लक्ष्य तृणमूल सरकार की नीतियों और भ्रष्टाचार पर सवाल उठाना था, न कि व्यक्तिगत आक्षेप करना।
प्रधानमंत्री के इस कदम से न केवल घोटाले के धन की वापसी सुनिश्चित हुई है, बल्कि इससे सरकार की सख्त भ्रष्टाचार विरोधी नीतियों का भी प्रदर्शन हुआ है। जनता में यह संदेश गया है कि सरकार भ्रष्टाचार के मामलों में कोई समझौता नहीं करेगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
इस घोषणा से आगामी चुनावों में भाजपा को समर्थन मिलने की संभावना बढ़ी है, क्योंकि जनता भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करती है। प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम जनता के विश्वास को मजबूत करने और भ्रष्टाचार मुक्त शासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 17,000 करोड़ रुपये के घोटाले से संबंधित धन की वापसी सुनिश्चित की है। उन्होंने इस धन को वापस लाकर जनता के हित में एक महत्वपूर्ण कार्यवाही की है, जिससे भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की सख्त नीतियों का स्पष्ट संकेत मिलता है और जनता में विश्वास बढ़ा है।
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने 17,000 करोड़ रुपये के घोटाले का धन पहले ही बरामद कर देश भर के लोगों को वापस कर दिया है। यह घोषणा बंगाल अभियान के अंतिम दिन के पहले दिन, बारासात लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले अशोकनगर में एक चुनावी रैली के दौरान की गई थी।
प्रधानमंत्री ने राज्य में बार-बार किए गए उन वादों का भी जिक्र किया, जिनमें उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल के नागरिकों को विभिन्न घोटालों में खोए हुए 3,000 करोड़ रुपये वापस किए जाएंगे, जो तृणमूल सरकार द्वारा किए गए थे। उन्होंने मतदाताओं से एक और वादा किया, “जिसने खाया है उसे बाहर निकालूंगा, जिसका खाया है उसे लौटाऊंगा”। यह वादा उनकी भ्रष्टाचार विरोधी नीति “ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा” का ही एक विस्तार है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने अशोकनगर के भाषण में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर व्यक्तिगत हमला करने से परहेज किया। उन्होंने लगातार “तृणमूल की मुख्यमंत्री” के रूप में उनका संदर्भ किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उनका लक्ष्य तृणमूल सरकार की नीतियों और भ्रष्टाचार पर सवाल उठाना था, न कि व्यक्तिगत आक्षेप करना।
प्रधानमंत्री के इस कदम से न केवल घोटाले के धन की वापसी सुनिश्चित हुई है, बल्कि इससे सरकार की सख्त भ्रष्टाचार विरोधी नीतियों का भी प्रदर्शन हुआ है। जनता में यह संदेश गया है कि सरकार भ्रष्टाचार के मामलों में कोई समझौता नहीं करेगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
इस घोषणा से आगामी चुनावों में भाजपा को समर्थन मिलने की संभावना बढ़ी है, क्योंकि जनता भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करती है। प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम जनता के विश्वास को मजबूत करने और भ्रष्टाचार मुक्त शासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।
प्रधानमंत्री का जोर: ‘इंडिया गठबंधन के भ्रष्टाचार का एक्स-रे करेंगे’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक तीखा हमला करते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन गरीबों की आय का एक्स-रे करने की बात करता है, लेकिन उनकी सरकार उसके भ्रष्ट नेताओं के काले धन का एक्स-रे करेगी। उन्होंने कहा कि यह जांच इतनी कठोर होगी कि उनकी आने वाली पीढ़ियां भी भ्रष्टाचार करने से पहले 100 बार सोचेंगी।
मोदी ने कहा, “इंडिया गठबंधन को देश के विकास की चिंता नहीं है। वे केवल तुष्टिकरण की राजनीति में दिलचस्पी रखते हैं।” उनका मानना है कि इस गठबंधन के नेता अपने निजी लाभ के लिए गरीबों की आय पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जबकि असली समस्या उनके स्वयं के भ्रष्टाचार और काले धन की है।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि भ्रष्ट नेताओं के काले धन का पता लगाकर जनता के सामने लाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार की नीति भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की है और वे किसी भी कीमत पर इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
प्रधानमंत्री का यह बयान उस समय आया है जब देश में राजनीतिक माहौल काफी गरमा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति के कारण इंडिया गठबंधन ने देश के विकास को नजरअंदाज कर दिया है। उनका मानना है कि ऐसे नेता केवल अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए काम करते हैं, न कि देश के विकास और जनता के हित में।
मोदी ने जनता से अपील की कि वे ऐसे नेताओं से सावधान रहें और अपने वोट की ताकत से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में सरकार का समर्थन करें। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य केवल देश का विकास और जनता का कल्याण है, और इसके लिए वे हर संभव कदम उठाएंगे।
प्रधानमंत्री के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है और यह देखना दिलचस्प होगा कि इंडिया गठबंधन इसका क्या जवाब देता है। इस बीच, जनता की नजरें आगामी चुनावों पर हैं, जहां वे अपने वोट के माध्यम से अपना मत व्यक्त करेंगे और देश के भविष्य का मार्गदर्शन करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में तृणमूल पर ओबीसी समुदाय के साथ धोखा करने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि तृणमूल ने बंगाल में ओबीसी समुदाय के अधिकारों को छीनकर मुसलमानों की 77 जातियों को ओबीसी घोषित कर दिया, जो कि गैरकानूनी है। कोलकाता हाईकोर्ट ने इस फैसले को गैरकानूनी करार दिया है, जिससे तृणमूल की सच्चाई सामने आ गई है।
मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि इस निर्णय का मतलब है कि तृणमूल ने लाखों ओबीसी युवाओं का हक छीनकर वोट जिहाद करने वालों की मदद की है। कोर्ट के इस फैसले के बाद तृणमूल द्वारा न्यायपालिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूरा देश देख रहा है कि तृणमूल किस तरह बंगाल में न्यायपालिका का गला घोंट रही है।
प्रधानमंत्री ने तृणमूल की न्यायिक फैसलों पर आलोचना का भी जिक्र किया। “क्या वे अब जजों को गुंडों से डराने की कोशिश करेंगे?” उन्होंने पूछा। तृणमूल की इस तानाशाहीकरण का नवीनतम उदाहरण हाल ही में कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले में देखा गया, जिसमें बंगाल में ओबीसी प्रमाणपत्रों को रद्द करने का निर्णय शामिल था। यह फैसला 2010 से जारी किए गए हजारों कास्ट प्रमाणपत्रों को प्रभावित कर सकता है।
तृणमूल के वरिष्ठ नेता, जिसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हैं, ने इस फैसले को भाजपा का फैसला कहकर अस्वीकार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि वे इस “भाजपा के फैसले” को स्वीकार नहीं करते।
प्रधानमंत्री ने कहा कि तृणमूल के इस प्रकार के निर्णय और उनके बाद की प्रतिक्रिया से स्पष्ट होता है कि वे अपने राजनीतिक लाभ के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। उन्होंने जनता से आह्वान किया कि वे इस बार अपने वोट की ताकत से तृणमूल को सबक सिखाएं और एक ऐसी सरकार का चुनाव करें जो सभी समुदायों के साथ न्याय करे और विकास को प्राथमिकता दे।
मोदी के इस बयान ने बंगाल के राजनीतिक माहौल को और भी गरमा दिया है। आगामी चुनावों में जनता का समर्थन किसे मिलता है, यह देखने लायक होगा। तृणमूल और भाजपा के बीच की यह टक्कर बंगाल की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में तृणमूल सरकार पर कड़ा हमला बोला, आरोप लगाते हुए कहा कि तृणमूल को सच बर्दाश्त नहीं होता है। उन्होंने कहा कि तृणमूल सरकार उन लोगों को निशाना बनाती है जो उनके गुनाह सामने लाते हैं। मोदी ने यह भी कहा कि तृणमूल ने स्पष्ट रूप से कहा था कि हिंदुओं को भागीरथी नदी में बहा देंगे।
प्रधानमंत्री ने बताया कि इस बयान पर बंगाल के संतों ने तृणमूल से निवेदन किया कि वे अपनी गलती सुधार लें। लेकिन इसके बजाय, तृणमूल ने संत समाज को ही अपशब्द कहना शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि तृणमूल सरकार रामकृष्ण मिशन और इस्कॉन जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के संतों को अपमानित कर रही है। यह सब केवल अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए किया जा रहा है।
मोदी ने कहा, “तृणमूल को सच बर्दाश्त नहीं होता। जो भी उनके गुनाह सामने लाता है, तृणमूल उसे निशाना बनाती है।” उन्होंने यह भी कहा कि तृणमूल की तुष्टिकरण की राजनीति के चलते बंगाल में हिंदू समुदाय को अपमान और भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने बंगाल के लोगों से आह्वान किया कि वे इस बार अपने वोट की ताकत से तृणमूल सरकार को सजा दें। उन्होंने कहा कि यह समय है जब बंगाल के लोग एकजुट होकर तृणमूल की तुष्टिकरण की राजनीति का विरोध करें और एक ऐसी सरकार का चुनाव करें जो सभी समुदायों के साथ न्याय करे और विकास को प्राथमिकता दे।
मोदी के इस बयान ने पश्चिम बंगाल के राजनीतिक माहौल को और भी गरमा दिया है। उनके इस आरोप के बाद तृणमूल सरकार को एक बार फिर सवालों के घेरे में ला दिया है। अब देखना यह है कि आगामी चुनावों में जनता किसका समर्थन करती है और बंगाल की राजनीति में क्या नया मोड़ आता है।
प्रधानमंत्री मोदी का अशोकनगर में संबोधन: तृणमूल के खिलाफ सख्त संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उत्तर 24 परगना के अशोकनगर में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए तृणमूल कांग्रेस पर कड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि ‘माँ, माटी, मानुष’ की बात करने वाली तृणमूल ने ‘माँ’ को भयभीत कर दिया है और ‘माटी’ का अपमान किया है। संदेशखाली की महिलाएं न्याय मांग रही हैं, लेकिन तृणमूल उन्हें बदनाम कर रही है। मोदी ने जोर देकर कहा कि ऐसी तृणमूल कांग्रेस को इस बार अपने वोट की ताकत से सजा देना बहुत जरूरी है।
मोदी ने तृणमूल पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया और कहा कि तृणमूल ने सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) को लेकर अफवाहें फैलाईं। लेकिन, मोदी न डरा, न रुका। उन्होंने कहा, “मैंने सीएए कानून लाया और लागू किया। आज पूरा देश देख रहा है कि सैकड़ों शरणार्थियों को नागरिकता मिल चुकी है। किसी से कुछ छीना नहीं गया, बल्कि उन्हें नागरिकता देकर सम्मान दिया गया है।”
प्रधानमंत्री ने मतुआ समुदाय को विशेष रूप से बधाई दी और कहा कि अब उन्हें भारत की नागरिकता पाने से कोई नहीं रोक सकता। “कुछ ही महीनों में आप सबका काम पूरा हो जाएगा। यह नागरिकता देश का संविधान दे रहा है,” उन्होंने कहा।
मोदी ने अपने संकल्प को दोहराते हुए कहा, “मैं आपको एक और गारंटी दूंगा, तृणमूल तो क्या दुनिया की कोई ताकत मोदी के संकल्प को न हिला सकती है, न डुला सकती है और न ही रोक सकती है।”
प्रधानमंत्री ने तृणमूल सरकार की नीतियों और उनके द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों के खिलाफ लोगों को जागरूक करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में हर वोट महत्वपूर्ण है और यह समय तृणमूल कांग्रेस को उनकी गलतियों का एहसास कराने का है।
मोदी का यह संबोधन पश्चिम बंगाल में भाजपा के चुनाव प्रचार को और अधिक मजबूत बनाने का प्रयास था। उन्होंने अपने भाषण के माध्यम से राज्य के लोगों को विश्वास दिलाया कि भाजपा ही उनके विकास और सुरक्षा की गारंटी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कहा कि माताओं और बहनों को सशक्त बनाना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनमें गरीबों को पक्का घर प्रदान करना शामिल है। ये घर महिलाओं के नाम पर दिए जा रहे हैं, और इनमें शौचालय, बिजली, मुफ्त अनाज, मुफ्त इलाज और नल से जल जैसी सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं। इससे नारी शक्ति को काफी मदद मिली है।
मोदी ने यह भी बताया कि अब माताओं और बहनों को चावल की चिंता नहीं करनी पड़ेगी, क्योंकि आने वाले पांच सालों तक मोदी सरकार मुफ्त चावल देती रहेगी। इसके अलावा, मोदी ने बिजली बिल को शून्य करने का भी वादा किया है। इसके लिए पीएम सूर्य घर मुफ्त योजना शुरू की गई है, जिसके तहत आवेदन करने वाले परिवार को छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए मोदी सरकार 75 हजार रुपये देगी। इस योजना का उद्देश्य न केवल बिजली की बचत करना है, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना भी है।
इन प्रयासों से माताओं और बहनों को न केवल आर्थिक मदद मिल रही है, बल्कि उनकी जीवन गुणवत्ता में भी सुधार हो रहा है। प्रधानमंत्री का कहना है कि ये पहलें उनकी सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। मोदी सरकार की इन योजनाओं से महिलाओं को न केवल सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिल रहा है, बल्कि वे आत्मनिर्भर भी बन रही हैं।
मोदी का मानना है कि महिलाओं के सशक्तिकरण से समाज की समृद्धि और विकास सुनिश्चित होगा। उनके द्वारा शुरू की गई योजनाएं महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक रूप से मजबूत बना रही हैं। इस दिशा में उनके प्रयास देश की प्रगति और विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में संदेशखली और बशीरहाट से भाजपा प्रत्याशी रेखा पात्रा की प्रशंसा की है। उन्होंने रेखा पात्रा की भाषण की तारीफ की, कहा कि उन्होंने बेहतर भाषण दिया, जिससे कि तृणमूल का कोई भी नेता उतना भाषण नहीं दे सकता।
रेखा पात्रा एक गरीब की बेटी के रूप में बड़ी सत्ता में पहुंचने का उदाहरण है। उन्होंने संसद में अपना सम्मान पूर्वक पहुंचाया है, जो गरीबों के लिए बड़ा कदम है। रेखा पात्रा नारी शक्ति के सम्मान के लिए चुनाव लड़ रही हैं। उनकी हिम्मत और साहस को सराहना करते हैं, वह खुद मां दुर्गा की सच्ची पुजारी की भूमिका निभाती हैं।
रेखा पात्रा की जीत बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह तृणमूल जैसे अत्याचारियों को विरोध कर रही हैं और उनकी सत्ता को चुनौती दे रही हैं। उनकी जीत से बंगाल में अत्याचारियों के हौसले कमजोर होंगे और भारतीय नारी को और अधिक सम्मान मिलेगा।
बंगाल में आयुष्मान भारत योजना की कमी: पीएम का आरोप
बंगाल में आयुष्मान भारत योजना की लागू नहीं होने दे रही है तृणमूल सरकार , जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में बड़ा आरोप लगाया है। मोदी ने कहा कि बंगाल की तृणमूल सरकार आयुष्मान भारत योजना को लागू करने में विफल है। जिस के लिये भाजपा को मिला आपका हर एक वोट तिरुमल पर इस योजना से जुड़ने के लिए दबाव डालेगा इसीलिए राज्य की हर सीट पर कमल खिलना चाहिए।
मोदी ने यह बताया कि लगभग 6 करोड़ लोग हैं जिनकी आयु 70 साल से अधिक है, और उन्हें 5 लाख तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दी जा रही है। उन्होंने इस अप्रत्याशित कदम को तृणमूल सरकार के खिलाफ विरोध करते हुए बयान किया।
आयुष्मान भारत योजना की अनुपस्थिति के माध्यम से, भाजपा ने तृणमूल सरकार को इस मुद्दे पर आधिकारिक रूप से जवाब देने के लिए दबाव बढ़ाने का निर्णय लिया है। जबकि बंगाल में आयुष्मान भारत योजना की लागूता का अभाव स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर लोगों में चिंता और असंतोष का कारण बन रहा है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोलकाता में भव्य रोड शो ने जनता के बीच जबरदस्त उत्साह और समर्थन की लहर पैदा कर दी। एक मजबूत संदेश भी दिया। कुल मिलाकर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोलकाता में भव्य रोड शो न केवल चुनावी रणनीति का एक हिस्सा था, बल्कि यह जनता के साथ सीधे संवाद का एक महत्वपूर्ण मंच भी साबित हुआ। रोड शो के माध्यम से प्रधानमंत्री ने अपनी भ्रष्टाचार विरोधी नीतियों, विकास के प्रति प्रतिबद्धता और जनता की भलाई के लिए किए गए कार्यों को रेखांकित किया।इस रोड शो ने आगामी चुनावों में भाजपा की संभावनाओं को और मजबूत किया है और यह दिखाया है कि जनता प्रधानमंत्री की नीतियों और दृष्टिकोण में विश्वास करती है।