हेलीकॉप्टर दुर्घटना में ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी की मृत्यु एक बेहद दुखद और अप्रत्याशित घटना थी। यह दुर्घटना उस समय हुई जब राष्ट्रपति रायसी अपने आधिकारिक दौरे पर थे। हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी के कारण वह अचानक नियंत्रण खो बैठा और दुर्घटनाग्रस्त हो गया।इस दुर्घटना में राष्ट्रपति रायसी के साथ उनके कई सहयोगी और सुरक्षा कर्मी भी मारे गए। राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू किए गए, लेकिन हेलीकॉप्टर के बुरी तरह क्षतिग्रस्त होने के कारण किसी की भी जान बचाई नहीं जा सकी।
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ईरानी सरकार और जनता के लिए यह घटना एक बड़ा आघात है। राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी की मृत्यु से देश में शोक की लहर दौड़ गई है। राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है और सभी सरकारी कार्यालयों में झंडे आधे झुका दिए गए हैं। अंतरराष्ट्रीय नेताओं ने भी इस दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और ईरान के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की हैं।
इस दुर्घटना की पूरी जांच की जा रही है ताकि इसके कारणों का पता लगाया जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। राष्ट्रपति रायसी के निधन से ईरान में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक शून्य उत्पन्न हुआ है, और उनकी कमी को पूरा करना कठिन होगा।
ईरानी राज्य मीडिया ने अनुसार जिस हेलीकॉप्टर में ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी और उनके विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन, अन्य अधिकारियों और चालक दल के सदस्य यात्रा कर रहे थे, वह “तकनीकी खराबी” के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
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रायसी और अमीराब्दुल्लाहियन अज़रबैजान सीमा की यात्रा के बाद ईरान लौट रहे थे, जहाँ उन्होंने एक बांध परियोजना का उद्घाटन किया था। उनका हेलीकॉप्टर उत्तर-पश्चिमी ईरान के जोल्फा में पहाड़ी क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। खराब मौसम के बीच कई घंटों के बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान के बाद, बचाव दल ने दुर्घटना स्थल का पता लगाया, लेकिन कोई भी जीवित नहीं मिला।
दुर्घटना में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री सहित कुल कितने लोगों की मृत्यु हुई
राष्ट्रपति के साथ हेलीकॉप्टर में ईरानी विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन समेत कुल 9 लोग सवार थे। इनमें पूर्वी अजरबैजान प्रांत के राज्यपाल मलिक रहमती, पूर्वी अजरबैजान में ईरानी सर्वोच्च नेता के प्रतिनिधि अयातुल्ला मोहम्मद अली अल-हाशेम, राष्ट्रपति रायसी की गार्ड टीम के प्रमुख सरदार सैयद मेहदी मौसवी, हेलीकॉप्टर के पायलट कर्नल सैयद ताहेर मुस्तफावी, सह-पायलट कर्नल मोहसिन दरियानुष और उड़ान तकनीशियन मेजर बेहरोज गादिमी शामिल थे।
ईरानी राज्य समाचार एजेंसी IRINN और सेमी-ऑफिशियल न्यूज एजेंसी मेहर न्यूज ने बताया कि दुर्घटनास्थल पर कोई भी जीवित नहीं मिला, और इस हादसे में सभी 9 लोगों की मृत्यु हो गई।
नए राष्ट्रपति का चुनाव
मध्य पूर्व में व्याप्त तनाव के बीच, ईरान की दो सबसे प्रभावशाली शख्सियतों का अचानक निधन हो गया। राज्य मीडिया ने बताया कि इब्राहिम रायसी की मृत्यु के बाद ईरान के उपराष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर को कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किया गया है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने मोखबर को निर्देश दिया है कि वे 50 दिनों के भीतर नए राष्ट्रपति का चुनाव सुनिश्चित करें।
पिछला चुनाव 2021 में हुआ था, इसलिए अगला चुनाव 2025 में प्रस्तावित था, लेकिन इब्राहिम रईसी की मौत के बाद जल्द ही चुनाव करवाया जाएगा, क्योंकि उपराष्ट्रपति के पास केवल 50 दिन तक ही सत्ता संभालने का अधिकार रहेगा। इसी 50 दिन के भीतर ईरान के लिए नए राष्ट्रपति का चुनाव कराना होगा।
ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयतुल्लाह खामेनेई ने इब्राहिम रायसी की मृत्यु पर देश में 5 दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है। इस अवसर पर, भारत सरकार ने देश में 21 मई को 1 दिन के शोक की घोषणा की है, जिसके दौरान राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुकाया जाएगा।
दुर्घटना का कारण
- स्काईब्रारी के एविएशन डेटाबेस के अनुसार, यह 212 विमान मॉडल, जो कि 15 सीटों वाला दो-ब्लेड वाला जुड़वां इंजन वाला मध्यम हेलीकॉप्टर है, पहली बार 1968 में उड़ान भरी थी। कथित रूप से, इस हेलीकॉप्टर को यूएस-डिज़ाइन किया गया था।
- रईसी का हेलिकॉप्टर अजरबैजान की सीमा के करीब ईरान के वरजेघन शहर के पास क्रैश हुआ। यह पहाड़ी इलाका था । रेस्क्यू एजेंसियों ने भारी बारिश, कोहरे और तेज सर्दी के बीच रातभर सर्च ऑपरेशन चलाया। इस दौरान तीन बचावकर्मी भी लापता हो गए। सोमवार की सुबह अजरबैजान की पहाड़ियों में हेलिकॉप्टर का मलबा मिला था ।
- द इकोनॉमिस्ट’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, कई ईरानियों का मानना है कि इस दुर्घटना के पीछे इजरायल का हाथ हो सकता है। यह साजिश सिद्धांत इसलिए उभर रहा है क्योंकि गाजा में चल रहे इजरायली हमले के दौरान ईरान ने इजरायल पर हमला किया था, जिसके बाद इजरायल ने गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी। अप्रैल की शुरुआत में इजरायल ने दमिश्क में एयरस्ट्राइक की थी, जिसमें ईरानी ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रेजा जेहादी की मौत हो गई थी। अब कई ईरानी कह रहे हैं कि रईसी की मौत के पीछे भी इजरायल हो सकता है। हालांकि, इजरायल ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इस हादसे में उनकी कोई भूमिका नहीं है।
अमेरिका ने भी स्पष्ट किया है कि रईसी की हेलिकॉप्टर दुर्घटना में उनका कोई हाथ नहीं था। अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि इस दुर्घटना में अमेरिका की “कोई भूमिका नहीं थी” और पेंटागन को इसके कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं है, जैसा कि द वाशिंगटन पोस्ट ने रिपोर्ट किया।
इस दुर्घटना से विश्व की प्रतिक्रिया
- भारत: राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी की मृत्यु पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया है कि डॉ. सैयद इब्राहिम रईसी के दुखद निधन से गहरा दुख और झटका लगा है। प्रधानमंत्री ने रईसी के परिवार और ईरान के लोगों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की और कहा कि इस दुख की घड़ी में भारत, ईरान के साथ खड़ा है।
- अफगानिस्तान: अफगानिस्तान के कार्यवाहक प्रधान मंत्री मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद ने कहा, “हम इस्लामी गणराज्य ईरान और उसके लोगों के दुःख में शामिल हैं और सभी पीड़ितों के परिवारों, राष्ट्र और ईरान सरकार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। इस कठिन समय में, हम ईरान के लोगों के साथ खड़े हैं और इस घटना के सभी पीड़ितों के लिए क्षमा और उनके परिवारों के लिए धैर्य की प्रार्थना करते हैं।
- रूस: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इब्राहिम रायसी की मृत्यु को ‘बड़ी त्रासदी’ बताते हुए अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सैय्यद इब्राहिम रईसी एक उत्कृष्ट राजनेता थे, जिन्होंने अपना पूरा जीवन मातृभूमि की सेवा के लिए समर्पित कर दिया था। पुतिन ने कहा कि रईसी ने रूस के एक सच्चे मित्र के रूप में हमारे देशों के बीच अच्छे पड़ोसी संबंधों के विकास में अमूल्य व्यक्तिगत योगदान दिया और इन्हें रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर लाने के लिए महान प्रयास किए।
- चीनी: चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इब्राहिम रायसी की मृत्यु “ईरानी जनता के लिए एक बड़ी क्षति है, और चीनी जनता ने एक अच्छा मित्र खो दिया है।
- अमेरिकी: अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि उन्हें हेलीकॉप्टर दुर्घटना के कारण के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “मैं इस बारे में अनुमान नहीं लगा सकता कि इसका कारण क्या रहा होगा।”
- पाकिस्तान: पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज़ शरीफ, एक्स पर महान ईरानी राष्ट्र पारंपरिक साहस के साथ इस त्रासदी पर विजय प्राप्त करेगा। पाकिस्तान एक दिन का शोक मनाएगा और राष्ट्रपति रईसी और उनके साथियों के प्रति सम्मान तथा ईरान के साथ एकजुटता दर्शाने के लिए झंडा आधा झुका रहेगा।
- इराक: इराक के प्रधान मंत्री, मोहम्मद शिया अल-सुदानी, इस दुखद घटना के दौरान ईरान के सुप्रीम लीडर, अली खामेनेई, ईरानी राष्ट्र, उसकी सरकार, और उसके लोगों के प्रति गहरी संवेदना और एकजुटता व्यक्त की। हम ईरानी लोगों और इस्लामिक गणराज्य के अधिकारियों के साथ इस दुखद घटना के दौरान एकजुट हैं।
- तुर्की: तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने एक बयान में लिखा, “उन्होंने सत्ता के दौरान ईरानी लोगों और हमारे क्षेत्र की शांति के लिए उनके प्रयासों को व्यक्तिगत रूप से देखा, जिसके लिए मैं श्री रायसी को सम्मान और कृतज्ञता के साथ याद करता हूं।” एर्दोगन के कार्यालय के अनुसार, एक फोन कॉल के दौरान, एर्दोगन ने तुर्की-ईरान संबंधों में रायसी और विदेश मंत्री होसैन अमीराबदोल्लाहियन के योगदान को “हमेशा याद रखा जाएगा”।
- जापान: जापान राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी की मृत्यु और विदेश मंत्री की मृत्यु पर ईरान की सरकार और लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता है। यह साझेदारी और समर्थन का प्रकटीकरण है जो ईरान को इस दुखद असमय में सहायता प्रदान करता है।
- फिलिस्तीनी: फिलिस्तीनी ईरानी समर्थित इस्लामिक जिहाद समूह के बारे में राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी की मृत्यु और उनके विदेश मंत्री की शहादत इस्लामिक गणराज्य के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके नुकसान से संबंधित कहा जा रहा है कि उनका नुकसान “इन कठिन परिस्थितियों में फिलिस्तीनी लोगों के लिए एक बड़ा नुकसान था, क्योंकि उन्होंने फिलिस्तीनी लोगों के संघर्ष के समर्थन और सहायता में एक प्रमुख और स्पष्ट भूमिका निभाई थी।
निष्कर्ष
इब्राहिम रायसी की मृत्यु ने एक गहरा शोक का माहौल बना दिया है। उनकी राजनीतिक और सामाजिक भूमिका को समझना महत्वपूर्ण है, और उनकी याद को सम्मान और आदर से याद किया जाएगा। उनकी मृत्यु से उनके परिवार, दोस्त, और समर्थकों को भारी दुःख का सामना करना पड़ा है, और उन्हें हमारी संवेदनाएं सहित अपना साथ देना चाहिए। इस दुख की घड़ी में, हमें रायसी के योगदान को समझने और उनकी याद में आदर और सम्मान बनाए रखने का संकल्प लेना चाहिए।